ट्रॉफी कारोबार में वर्ष 1946 से सेवा दे रही है तीसरी पीढ़ी
मुरादाबाद :- पीतल नगरी मुरादाबाद के भट्टी स्ट्रीट में अवस्थित निजाम मेटल वर्क्स किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वर्ष 1946 से शुरू हुई इस दुकान में आज तीसरी पीढ़ी इस दुकान को संचालित कर रही है।
निजाम मेटल वर्क्स के संचालक काशान-उल-हक के नेतृत्व में, निजाम मेटल वर्क्स ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
काशान बताते है कि वे व्यापार नहीं, बल्कि व्यवहार को प्राथमिकता देते हैं। आज निजाम मेटल वर्क्स के उत्पाद न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी आपूर्ति किए जा रहे हैं, जो उनकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रमाण है।
वर्ष 1946 में उनके दादा निजामुल हक ने इस कारोबार की शुरुआत की थी। उसके बाद वर्ष 1972 में उनके पिता जियाउल हक ने इस कारोबार की कमान अपने हाथ में थाम ली और वर्ष 2000 में काशान इस कारोबार से जुटे।निजाम मेटल वर्क्स की तीसरी पीढ़ी अब इस व्यवसाय को चला रही है, जो परिवारिक व्यवसाय की एक मजबूत परंपरा को दर्शाता है।
बतौर काशान, आज उनके साथ 60 से 70 लोगों की टीम साथ में काम कर रही है। इसके अलावा उनके भाई जीशान - उल- हक ने भी हैंडीक्राफ्ट बिजनेस में अपना परचम लहराया है। आज उनके द्वारा विदेशों में हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं का निर्यात किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर लगभग 4000 स्कूल, कॉलेज, संस्थाओं के अलावा कश्मीर से कन्याकुमारी तक हजारों इनके थोक बिक्रेता है जो यहाँ से मोमेंटो, ट्रॉफी, मेडल ले जाकर स्थानीय स्तर पर आपूर्ति करते हैं।
संचालक काशान - उल - हक़ से जब हमने ग्राहकों और उनके बीच व्यावसायिक संबंधों की बात की तो उन्होंने बताया कि वह अपने ग्राहकों की जरूरतों और अपेक्षाओं को समझने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और उनकी संतुष्टि के लिए काम करते हैं, साथ हीं साथ अपने व्यवसाय में ईमानदारी और पारदर्शिता का पालन करते हैं। वह अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझने और उनकी संतुष्टि के लिए काम करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और आगे भी रहेंगे।
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