होम्योपैथी चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प, बोकारो में पहली बार हुआ होम्यो कॉन्क्लेव का आयोजन


बोकारो : होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (एचएमएआई) बोकारो यूनिट के तत्वावधान में रविवार को नया मोड़ स्थित बिरसा आश्रम में पहली बार भव्य होम्यो कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में झारखंड के साथ-साथ बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और महाराष्ट्र के कई वरिष्ठ चिकित्सक एवं विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ एचएमएआई बिहार के अध्यक्ष डॉ. संजीव सिंह, झारखंड इकाई के सचिव डॉ. बी. एन. सहाय, उपाध्यक्ष डॉ. आनंद शाही तथा अन्य अतिथियों द्वारा होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
अपने संबोधन में डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि “होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित है। इसके माध्यम से जटिल से जटिल बीमारियों का भी बेहद सरल और प्रभावी इलाज संभव है।”
एचएमएआई बोकारो इकाई के सचिव डॉ. प्रीतम कुमार ने बताया कि इस आयोजन से आम लोगों में होम्योपैथी के प्रति विश्वास और अधिक प्रगाढ़ हुआ है। उन्होंने कहा कि “कोरोना काल के बाद से लोगों का रुझान इस चिकित्सा पद्धति की ओर लगभग 25 प्रतिशत तक बढ़ा है। यदि होम्योपैथी को प्राथमिक चिकित्सा पद्धति का दर्जा दिया जाए तो लोगों का जीवन और भी स्वस्थ एवं दीर्घायु हो सकता है।”
वहीं, डॉ. राकेश सुमन ने होम्योपैथी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखते हुए जागरूकता अभियान की आवश्यकता पर बल दिया।
विशेष सत्र में महाराष्ट्र से आईं प्रोफेसर डॉ. रश्मि शुक्ला ने कहा कि “पुरानी और जटिल बीमारियों पर होम्योपैथी दवाओं का असर तेज और प्रभावी होता है। लेकिन इसकी उपयोगिता को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए जनजागरूकता अत्यंत आवश्यक है।”
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए सैकड़ों चिकित्सकों को सम्मानित भी किया गया। आयोजन के अंत में सभी ने संकल्प लिया कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को और अधिक जनोन्मुखी बनाने तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए मिलकर कार्य किया जाएगा।

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