विश्व कैंसर दिवस पर डॉ. गौतम ने किया लोगों को जागरूक

हाजीपुर :- विश्व कैंसर दिवस प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है दुनिया भर में कैंसर जैसी भयावह बीमारी के प्रति आम जनमानस को जागरूक करना, साथ हीं इस बीमारी के रोकथाम और उपचार से जुड़ी तथ्यों के बारे में अवगत कराते हुए शिक्षित करना, साथ हीं कैंसर जैसी भयावह बीमारी से प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए उनको प्रोत्साहित करने का भी कार्य किया जाता है। आज भारत जैसे देश में इंडियन कैंसर सोसायटी की एक आंकड़े के अनुसार आने वाले 10 वर्षों में करीब डेढ़ करोड़ लोगों को कैंसर होने की संभावना जताई गई है, जिसमें 50 फ़ीसदी कैंसर लाइलाज होगा। यही कारण है कि कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी की पहचान या रोकथाम के उपाय और खतरों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिससे आम लोग जागरुक हो सके और समय रहते कैंसर के प्रारंभिक अवस्था एवं लक्षणों के आधार पर इस बीमारी का समुचित इलाज हो सके।
           विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आंकड़े के अनुसार दुनिया में प्रत्येक वर्ष होने वाले 6 मौतों में एक की वजह कैंसर है। महिलाओं में जहां सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर या सर्वाइकल कैंसर होती है, तो वहीं पुरुषों में प्रोस्टेट मुंह और बड़ी आंत के कैंसर के मामले सबसे अधिक है। सबसे आश्चर्य की बात है कि आम लोगों में अज्ञानतावश एक मिथ्या भ्रम है कि यह बीमारी छूने से या वैसे मरीज के स्पर्श से फैलती है, जो बिल्कुल निरर्थक और गलत बात है। इसलिए कैंसर से पीड़ित मरीजों को घृणा या अछूत के रूप में ना देखा जाए। यह बातें हाजीपुर शहर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक सह आयुष मेडिकल एसोसिएशन वैशाली के जिलाध्यक्ष डॉ. यू . एस. गौतम ने विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर एक प्रेस रिलीज कर आम लोगों को जागरूक  किया। डॉ. गौतम ने कहा कि जहां आधुनिक चिकित्सा पद्धति में कैंसर से पीड़ित रोगियों को रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी जैसे महंगे इलाजों का सामना करना पड़ता है तो वहीं इन थेरेपी के दुष्परिणामों से जुड़ी कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आए दिन कई लोगों के शरीर में अनयूजुअल ग्रोथ जैसे - चेस्ट गांठ, (नोड्यूल्स) वॉट्स, मासा बार-बार मुंह में छाला आना, पेट में जलन के साथ मिचली या उल्टी होने पर नजर अंदाज नहीं करें। ज्यादातर महिलाओं में ब्रेस्ट में होने वाले गांठ, ल्यूकोरिया की शिकायत या मासिक स्राव में 5 दिनों से अधिक दिनों तक लगातार अत्यधिक मात्रा में रक्त का स्राव होना या बार-बार रक्तस्राव होना महिलाओं के बच्चेदानी में फाइब्रॉयड के लक्षण हो सकते हैं, जो बाद में कैंसर जैसी बीमारी का कारण बन सकते हैं, तो वही शरीर में होने वाले कोई भी पुराना घाव जिससे पस का स्राव बहुत दिनों से हो रहा हो ऐसे में आप अपने नजदीक के किसी भी अनुभवी एवं रजिस्टर्ड होम्योपैथिक चिकित्सक से संपर्क कर इसका समुचित इलाज कर सकते हैं क्योंकि कैंसर जैसे असाध्य रोगों के उपचार में होम्योपैथिक दवाएं बेहद कारगर हैं। होम्योपैथिक दवाएं कैंसर जैसी भयानक बीमारी को फैलने नहीं देती है होम्योपैथिक दवाओं के नियमित सेवन से मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिसके फलस्वरुप कैंसर की कोशिकाओं को कमजोर कर देती है जिससे मरीज का जीवन अवधि लंबी होती है। कैंसर जैसी असाध्य बीमारी में मरीज के समग्र लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक सिद्धांत के अनुसार चुनी हुई होम्योपैथिक दवा के सेवन से अत्यधिक लाभ होता है।

पथ्य एवं परहेज :-  गुटखा, पान, बीड़ी, सिगरेट, शराब, तंबाकू और किसी भी तरह के नशीले पदार्थों के सेवन से बचें। चाय, कॉफी या कोई भी गर्म पे पदार्थ प्लास्टिक या कागज के बने कप और प्लास्टिक में रखे चीजों में सेवन नहीं करें, साथ ही किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी या दर्द होने पर बिना सोचे समझे पेन किलर दवाइयों के सेवन से परहेज करें, क्योंकि इससे कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक होता है। अपने खान-पान रहन-सहन और तेजी से बदलती जीवन शैली को संयमित करें। अपने दैनिक जीवन के दिनचर्या में व्यायाम शारीरिक मेहनत और स्वच्छ खान-पान के साथ ताजे फलों का जूस और हरा साग - सब्जी को तरजीह दें।

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